भाजपा द्वारा ईवीएम की पैरोकारी उसके चरित्र को संदिग्ध बनाती है – कांग्रेस
रायपुर। भाजपा नेताओं द्वारा ईवीएम के पक्ष में की जा रही बयानबाजी यह बताने के लिये पर्याप्त है कि भाजपा की जान ईवीएम में बसती है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जैसे जादूगर की जान तोते में रहती है, वैसे ही भाजपा की जान ईवीएम में बसती है। जब भी ईवीएम के खिलाफ कोई तार्किक तथ्य सामने आता है, कोई बयान आता है, भाजपाई तिलमिला जाते है तथा ईवीएम के खिलाफ बोलने वाले को राष्ट्रद्रोही साबित करने में लग जाते है। भाजपा बैलेट पेपर से चुनाव से क्यों डरती है?
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव प्रणाली की निष्पक्षता और विश्वसनीयता दोनों ही सर्वोपरि होनी चाहिये। आज देश के नागरिकों, मतदाताओं और प्रबुद्धजनों का एक बहुत बड़ा वर्ग है जो लगातार ईवीएम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर रहा है। इन सवालों का समाधान होना चाहिये, न कि इन सवालों को बहुमत के अतिवाद में दबाया जाना चाहिये।
देश का सभी प्रमुख विपक्षी दल ईवीएम के साथ पचास फीसदी वीवीपैट पर्चियों का मिलान करवाना चाहता है तो इसका भाजपा क्यों विरोध कर रही है? भाजपा बताएं निष्पक्ष चुनाव होने देने में उसको डर क्यों लगता है? भाजपा जब विपक्ष में थी तब ईवीएम का विरोध करती थी। केन्द्र में मोदी सरकार बनने के बाद से ही अचानक भाजपा ईवीएम की समर्थक बन गयी। भाजपा की केन्द्र सरकार बनने के बाद लगातार ईवीएम की निष्पक्षता पर सवाल उठे है। कांग्रेस सहित देश के 17 राजनैतिक दलों के लोगों ने ईवीएम से चुनाव कराने का विरोध करते हुये केन्द्रीय निर्वाचन आयोग को ज्ञापन सौंपा था। देशभर में ईवीएम के खिलाफ वातावरण है।