दुर्ग। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देशानुसार एवं सीएमएचओ डॉक्टर जेपी मेश्राम, सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर एके साहू के मार्गदर्शन में जिला चिकित्सालय दुर्ग में रक्त की उपलब्धता बनाए रखने हेतु सीआईएसएफ उतई द्वारा 28 मार्च को रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 30 यूनिट ब्लड एकत्रित किया गया। दुर्ग जिला रक्त केंद्र के नोडल अधिकारी डॉक्टर प्रवीण कुमार अग्रवाल प्रभारी और अधिकारी नेहा नलवाया बाफना के मार्गदर्शन में काउंसलर एंथोनी, वरिष्ठ लैब तकनीशियन रोशन सिंह, लैब सुपरवाइजर रूपेश सर्पे, लैब टेक्नीशियन महेंद्र चंद्राकर, दिनेश, अमनशील, काजल, पैरामेडिकल छात्र नम्रता, सिद्धार्थ चतुर्थ श्रेणी हिमांशु चंद्राकर, अशोक मानिकपुरी, सीआईएसएफ से डॉ. इकबाल और जीवन दीप समिति से श्री प्रशांत डोनगांवकर, दिलीप ठाकुर, श्री सतीश चंद्र सुराणा आदि के विशेष सहयोग से कैंप का सफल सम्पादन किया गया।
लोकसभा निर्वाचन 2024: नाम निर्देशन के प्रतिदिन की जानकारी/मतपत्र मुद्रण की जानकारी हेतु अधिकारी-कर्मचारी नियुक्त
दुर्ग। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी द्वारा संसदीय क्षेत्र क्र. 07 दुर्ग लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के नाम निर्देशन न्यायालय कलेक्टर, दुर्ग (कक्ष क्रमांक 4) में 12 अप्रैल 2024 से 19 अप्रैल 2024 तक नाम निर्देशन के प्रतिदिन की जानकारी निर्धारित प्रारूप में प्रेषित किये जाने तथा 22 अप्रैल 2024 तक नाम वापसी, प्रतीक आबंटन एवं प्रारूप 7 क में निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यार्थियों के मतपत्र मुद्रण की जानकारी प्रेषित किये जाने हेतु अधिकारियों-कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी गयी है। आदेशानुसार सभी अधिकारी/कर्मचारी नोडल अधिकारी नाम निर्देशन श्रीमती योगिता देवांगन अपर कलेक्टर दुर्ग, नाम निर्दिष्ट एआरओ तथा कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देशन में सौंपे गये कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।
जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार श्री नरसिंह साहू राजस्व निरीक्षक, श्री मूलचंद सोनबोईर राजस्व निरीक्षक, श्री सूर्यकांत निषाद पटवारी ग्राम पाउवारा एवं श्री जयंत ठाकुर पटवारी बठेना को नाम निर्देशन पत्रों में अभ्यर्थी/प्रस्तावक का मतदाता सूची से मिलानकर फ्लैग लगाने एवं फोटोकॉपी व चिन्हाकिंत कर नाम निर्देशन पत्र में संलग्न करने तथा रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा सौंपे गए अन्य कार्यों को करने का दायित्व दिया गया है। श्रीमती रीना सोनी राजस्व निरीक्षक जुनवानी, श्री नितिन कुमार देवांगन सहायक ग्रेड 3 वन विभाग दुर्ग को निक्षेप राशि के लिये सी.जी.एस.टी. रसीद काटने, पंजी संधारण करने, प्राप्त निक्षेप राशि को जिला निर्वाचन कार्यालय में जमा कराने एवं रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा दिये गए कार्यों का निर्वहन करने का दायित्व सौंपा गया है। श्री नरसिंह पटेल सहायक ग्रेड 2 जिला कार्यालय दुर्ग, श्री आलोक नारंग साहयक गेड 2 एवं श्री रामगोपाल साहू सहायक ग्रेड 3 कार्यालय अ.वि.अ. दुर्ग को प्राप्त नाम निर्देशन पत्र का पंजी संधारण करने, प्रारंभिक जांच कर चेकलिस्ट से मिलान करने, जानकारी तैयार कर प्रेषित करने एवं अभ्यार्थियांे को समस्त प्रपत्र प्रतिदिन उपलब्ध कराने व निरर्हित सूची से मिलान करने का कार्य, फार्म ए व फार्म बी प्राप्त कर मिलान करने, अभ्यर्थी एवं निर्वाचन अभिकर्ताओं को पहचान पत्र जारी करने, अभ्यार्थियों को पावती तैयार कर चेकलिस्ट देना, अभ्यर्थी एवं निर्वाचन अभिकर्ता के नमूना हस्ताक्षर, फोटो प्राप्त करना, सूचना जारी करना, समय-समय पर अवगत कराने एवं रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा सौंपे गए अन्य कार्यों का दायित्व सौंपा गया है।
इसी प्रकार श्री हरवंश मिरी संयुक्त कलेक्टर एवं सहायक रिटर्निंग ऑफिसर वैशालीनगर भिलाई, डॉ. अंबरीश त्रिपाठी सहायक प्राध्यापक शासकीय महा. मचांदूर एवं श्री भूपेंद्र गौतम डाटा एंट्री ऑपरेटर नगर पालिका निगम भिलाई को प्राप्त नाम निर्देशन पत्रों की स्क्रूटनी एवं द्वितीय जांच करने, चेक लिस्ट का मिलान करने एवं रिटर्निंग ऑफिसर के हस्ताक्षर पूर्व नाम निर्देशन पत्र व चेकलिस्ट की प्रतिदिन जांच करवाने, प्रत्येक दिन प्राप्त निर्देशन पत्रों का निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार हिन्दी देवनागरी अनुरूप क्रमबद्ध करने एवं संविक्षा उपरांत अंतिम निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यार्थियों (प्रारूप 7-ए) का वर्णक्रम अनुसार सूची तैयार करने, निरक्षर प्रस्तावक की स्थिति में अंगूठे का निशान प्रमाणित कराने, रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा सौंपे गये अन्य कार्यों को करने का दायित्व दिया गया। श्री संदीप हलधर प्रोग्रामर खाद्य शाखा दुर्ग, श्री नितेश कुमार गुप्ता डाटा एंट्री ऑपरेटर कार्यालय प्र.मं.ग्रा.स.यो. दुर्ग, श्री राज सच्चर डाटा एंट्री ऑपरेटर नगर पालिक निगम भिलाई को प्रतिदिन प्राप्त होने वाले नाम निर्देशन पत्रों की स्कैनिंग करने, ऑनलाईन अपलोड करने, रिपोर्ट तैयार करने, जानकारी भेजने, सूचना पटल पर चस्पा करने एवं समस्त कम्प्यूटर संबंधी कार्य संपादित करने, सर्विस वोटर्स के लिये ईटीपीबी में अपलोड कर मिलान कर जारी करने, प्रतिदिन भेजे जाने वाले प्रपत्रों को तैयार करने का दायित्व सौंपा गया। श्री चंद्रिका प्रसाद सोनकर, भृत्य कार्यालय जनपद पंचायत दुर्ग, श्री मेघनाथ साहू भृत्य जिला कार्यालय दुर्ग एवं श्री राजेश यादव भृत्य सूचना का अधिकारी शाखा दुर्ग को फोटोकॉपी करने, नोटिस बोर्ड में चस्पा करने, डाक भेजने एवं अन्य कार्य करने रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा सौंपे गये अन्य कार्यों को करने का दायित्व दिया गया है।
ग्रीष्म ऋतु में मौसमी बीमारियों से बचाव हेतु अभिनव पहल
दुर्ग। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देशानुसार एवं डॉ. जे.पी.मेश्राम, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दुर्ग के मार्गदर्शन में जिले में ग्रीष्म ऋतु के दौरान लू, उल्टी-दस्त, पीलिया, तथा वेक्टर जनित रोग जैसे डेंगू, मलेरिया, फाईलेरिया के रोकथाम व बचाव हेतु समस्त खंड चिकित्सा अधिकारियों तथा शहरी खंड चिकित्सा अधिकारियों एवं सुपरवाईजरों, मैदानी स्तर के ए.एन.एम., स्टाफ नर्स, एम.पी.डब्लू, मितानिनों को निर्देशित कर तैयारियां की जा चुकी है। जिसके अंतर्गत जिले के महामारी संभावित ग्रामों का चिन्हांकन किया गया है, जिसमें कुल 31 (विकासखंड पाटन-16, निकुम-03, धमधा-12) ग्राम/क्षेत्र शामिल हैं। महामारी से संबंधित राज्य से प्राप्त दिशा निर्देश अनुरूप सभी स्वास्थ्य संस्थाओं के विभाग प्रमुखों एवं खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को उक्त ग्राम/क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने हेतु एवं संक्रामक बीमारियों को आईएचआईपी ऑनलाईन पोर्टल में रियल टाईम डाटा एंट्री किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। रैपिड रिस्पांस टीम जिला स्तर पर 01 एवं विकासखंड एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर 38 टीम गठित हैं, कुल टीम की संख्या 39 है। जिसमें विकासखंड निकुम-14, धमधा-09, पाटन-07, शहरी दुर्ग-03, शहरी भिलाई-05 एवं चरोदा-01 टीम बनाया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा समस्त खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को अपने अधीनस्थ क्षेत्र में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से समन्वय करते हुए शुद्ध पेयजल की उपलब्धता एवं जलस्त्रोतों का शुद्धिकरण किये जाने हेतु निर्देश दिये गये हैं। प्रत्येक ग्राम/बसाहट के पेय जल स्त्रोतों की पहचान तथा मानचित्रीकरण कराने एवं नियमित रूप से जलशुध्द्किरण की व्यवस्था सुनिश्चित करने, आम दिनों में कुओं में सप्ताह में एक बार ब्लीचिंग पाउडर डलवाने तथा जल जनित संक्रामक रोगों के प्रकोप होने की स्थिति में प्रतिदिन प्रभावित क्षेत्र के हर कुएं का ब्लीचिंग पाउडर से जलशुध्दिकरण कराने हेतु निर्देशित किया गया है। प्रत्येक स्वास्थ्य संस्था में पर्याप्त मात्रा में महामारी नियंत्रण हेतु आवश्यक सभी दवाईयाँ जैसे क्लोरिन टेबलेट, ब्लीचिंग पाउडर, ओ.आर.एस. पैकेट, एन्टीबायोटीक्स, एन्टी एमेटीक्स, एन्टी मलेरियल्स एवं आई. व्ही. फ्लूइड्स के साथ-साथ एंटी स्नेक वीनम एवं एन्टी रेबीज सीरम आदि की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। वर्तमान में सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में तथा सीजीएमएससी में दवाईयाँ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। जिला चिकित्सालय एवं सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में संक्रामक बीमारियों के उपचार हेतु आईसोलेशन वार्ड की व्यवस्था जिसमें 10 पुरूष के लिए एवं 10 महिला के लिए आरक्षित करने के निर्देश दिये गये है। संक्रमित मरीज की स्वास्थ्य गंभीर होने पर एम्बुलेंस द्वारा हायर सेन्टर रिफर किये जाने की भी व्यवस्था किये गये है। संक्रामक रोगो के प्रकोप होने पर उनका पैथालाजी जाँच जिला अस्पताल स्थित हमर लैब में जॉंच किये जाने की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है व जिले के विभिन्न प्रायवेट लैब में भी महामारी संबंधित जॉंच सुविधा उपलब्ध है। सभी मितानिनों को उनकी दवा पेटी में आवश्यक दवाईयाँ ओ.आर.एस. पैकेट, क्लोरिन गोली, ब्लीचिंग पावडर, पैरासिटॉमाल गोली आदि दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित कर लिया गया है।
मलेरिया से बचाव हेतु सभी विकासखंडों को जनसंख्या का 12.5 प्रतिशत स्लाईड एवं मलेरिया आर.डी.किट का लक्ष्य दिया गया है, जिसमें 70 प्रतिशत एक्टिव कलेक्शन एवं 30 प्रतिशत पेसिव कलेक्शन हेतु निर्देशित किया गया है। खंड चिकित्सा अधिकारियों के माध्यम से सकारात्मक प्रकरण के मिलने पर आरएफएस (रैपिड फीवर सर्वे) हेतु स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया गया है। मलेरिया, डेंगू एवं फाईलेरिया से नियंत्रण एवं बचाव हेतु सोर्स रिडक्शन एक्टिविटी के तहत ब्रीडिंग साइड्स को नष्ट करने हेतु निर्देशित किया गया है। डेंगू से बचाव हेतु डोर टू डोर सर्वे करवाया जा रहा है और डेेंगू के संभावित प्रकरण मिलने पर मरीज के घर के आसपास लार्वा नष्टीकरण एवं सभी नगर निगम की सहायता से वयस्क मच्छरों को नष्टीकरण का कार्य किया जा रहा है। सभी विकासखंडों को जिला मलेरिया अधिकारी के द्वारा 01-01 फॉगिंग मशीन दिया गया है। प्रत्येक फाईलेरिया मरीजों को एम.एम.डी.पी. के तहत किट का वितरण किया गया है एवं साफ सफाई हेतु निर्देशित किया गया है। सभी संस्थाओं में आवश्यक दवाईयाँ एवं डेंगू मलेरिया की रैपिड किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। सभी संस्थाओं द्वारा संभावित मरीजों की रैपिड किट के द्वारा निःशुल्क जॉंच की जा रही है। डेंगू के संभावित सकरात्मक प्रकरण मिलने पर सिरम सैम्पल जिला चिकित्सालय, दुर्ग में भेजकर डेंगू एलिजा जॉंच की जा रही है। जिस ग्राम में एपीआई एक से ज्यादा है वहॉं मेडिकेटेड मच्छरदानी का वितरण किया गया है एवं सुपरवाईजर के माध्यम से आर.एच.ओ./मितानिन द्वारा फालोअप किया जा रहा है।
संक्रामक रोगों से बचाव हेतु सभी विकासखंडों को आई.ई.सी. प्रेषित किये गये हैं तथा विकासखंड स्तर पर प्रचार प्रसार करने हेतु निर्देशित किया गया है तथा सेक्टर बैठक में प्रभारियों के द्वारा मैदानी स्तर के अमलों को सचेत रहने को कहा गया है। इसके अतिरिक्त व्यक्तिगत संपर्क एवं बैठकों के माध्यम से संक्रामक रोगों से बचाव के संबंध में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के द्वारा आम जनता स्वास्थ्य शिक्षा प्रदाय की जा रही है। एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम अंतर्गत आईडीएसपी के मोबाईल एप्लीकेशन का उपयोग करते हुए महामारी होने पर उसके प्रभाव को नियंत्रित करने हेतु तत्काल इवेंट अलर्ट जारी करने एवं सभी बीमारियों की रिपाोर्टिंग प्रत्येक दिवस रियल टाईम में की जा रही है जिससे जिला सर्वेलेंस ईकाई द्वारा नियमित निगरानी की जाती है। जिला प्रशासन के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से समन्वय बनाकर विकासखंडस्तर पर समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों के वाटर कुलर व ओव्हर हेड टैंक के पानी की जॉंच प्रतिमाह किया जाना निर्देशित किया गया है तथा नगरीय निकाय एवं ग्राम पंचायतों को आपसी समन्वय स्थापित कर जल शुद्धिकरण किये जाने हेतु, पेयजल व्यवस्था एवं मौसमी बीमारियों की रोकथाम हेतु समस्त तैयारियॉं करने हेतु कहा गया है। एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के अंतर्गत आई.एच.आई.पी. ऑनलाईन पोर्टल में प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्र से दैनिक रिपोर्टिंग की जाती है, जिसके अंतर्गत ए.एन.एम. द्वारा लक्षण आधारित डाटा एंट्री फार्म-एस के माध्यम से किया जाता है। साथ ही प्राथ.स्वा.केन्द्र, सामु.स्वा.के., जिला अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज द्वारा प्रिजम्प्टिव फॉर्म एवं लैबोरेट्री फॉर्म में डाटा एंट्री किया जाता है। जिसकी नियमित समीक्षा जिला सर्विलेंस इकाई, दुर्ग द्वारा की जाती है। किसी क्षेत्र में किसी भी बीमारी के प्रकरण अधिक दर्ज होने पर तत्काल इवेंट अलर्ट जारी करने, रैपिड रिस्पांस टीम एक्टिव करते हुए संबंधित क्षेत्र में सर्वे एवं उपचार करने की व्यवस्था हेतु निर्देशित किया गया है।
आगामी ग्रीष्म ऋतु को देखते हुए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा विस्तृत दिशानिर्देश जारी किये गये हैं, जिसमें लू के लक्षण, लू से बचाव के उपाय, प्रारंभिक उपचार, अस्पतालों में आवश्यक व्यवस्था (ओ.आर.एस. कॉर्नर की स्थापना, स्वास्थ्य केन्द्र में कूलर आदि के माध्यम से ठंडी हवा का प्रबंध करना) करने हेतु निर्देश दिये गये हैं। प्रत्येक मरीज को लू से बचाव की जानकारी अनिवार्य रूप से दिये जा रहे है। जिले में लू के लक्षण, लू से बचाव, साथ ही लू लगने पर प्रारंभिक उपचार हेतु सभी स्वास्थ्य केन्द्रों को आई.ई.सी. के माध्यम से जनसमुदाय में जनजागरूकता किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। स्वास्थ्य संस्था में आने वाले लू के मरीजों की जानकारी ऑनलाईन आई.एच.आई.पी. पोर्टल में दर्ज करने हेतु निर्देश दिये गये हैं।
किसी भी महामारी की सूचना मैदानी स्तर पर मितानिनों एवं फिल्ड वर्करों द्वारा अपने क्षेत्रों के स्वास्थ्य संस्थाओं सहित जिला मुख्यालय को सूचना दी जाएगी। आम नागरिकों से महामारी नियंत्रण से बचाव हेतु साफ पानी पीने, पानी उबालकर पीने, साबुन से हाथ धोना सुनिश्चित करने एवं घर के आसपास साफ सफाई रखने तथा किसी को उल्टी-दस्त होने पर मितानिन से संपर्क करने एवं पानी सप्लाई की पाईप लाईन लिकेज होने से नगर निगम या ग्राम पंचायत व पीएचई विभाग से संपर्क करने तथा नल एवं पानी टंकी एवं हैंडपंप का क्लोरिनेशन कराना सुनिश्चित करने की अपील की गई है। जिससे कि मौसमी बीमारी की रोकथाम की जा सके। साथ ही नागरिकों से ग्रीष्म ऋतु के समय आवश्यक हो तभी घर से बाहर जाने एवं सिर में तौलिया अथवा कपड़ा बांधने, पर्याप्त पानी अथवा पेयपदार्थ का सेवन करने की अपील की गई है। इन महीनों में जल जनित रोग जैसे दस्त रोग, उल्टी दस्त ,हैजा टायफाईड बुखार तथा पीलिया जैसे रोगों की होने की संभावना अधिक होती है। अगर किसी को दस्त या उल्टियॉं लग जाएं तो तुरन्त उसे ओ.आर.एस.घोल , चीनी-नमक की शिकंजी, दाल का पानी तथा पानी जैसे तरल पदार्थ पिलाना शुरु कर देना चाहिए एवं उल्टी-दस्त बहुत अधिक हो तो रोगी को तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र ले जाना चाहिए।
लोकसभा निर्वाचन 2024: वीडियो निगरानी टीम के लिए दल प्रभारी नियुक्त
दुर्ग। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के मार्गदर्शन में लोकसभा निर्वाचन 2024 हेतु वीडियो निगरानी टीम का गठन किया गया है। वीडियो निगरानी दल प्रभारी के साथ वीडियोग्राफर की ड्यूटी लगाई गई है।
जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार जिले के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 62-पाटन के लिए मुख्य नगर पालिक अधिकारी नगर पंचायत पाटन श्री सौरभ वाजपेयी को दल प्रभारी नियुक्त किया गया है, इनके साथ वीडियोग्राफर श्री पुरेन्द्र तिवारी की ड्यूटी लगाई गई है। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 63-दुर्ग ग्रामीण के लिए मुख्य नगर पालिक अधिकारी नगर पंचायत उतई श्री राजेन्द्र नायक दल प्रभारी नियुक्त किया गया है, इनके वीडियोग्राफर श्री दुष्यंत कुमार सिंह, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 64-दुर्ग शहर के लिए सहायक प्राध्यापक शासकीय दानवीर तुलाराम महाविद्यालय उतई श्री रितेश कुमार नायक को प्रभारी नियुक्त किया गया है, इनके वीडियोग्राफर श्री ईदुल हसन, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 65-भिलाई नगर के लिए सहायक प्राध्यापक शासकीय महाविद्यालय रिसाली श्री सतीश कुमार गोटा, इनके वीडियोग्राफर श्री गुलशन सिन्हा की ड्यूटी लगाई गई है।
इसी प्रकार विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 66-वैशाली नगर के लिए उप अभियंता नगर पंचायत अमलेश्वर श्री ढालेंद्र कुमार यादव, इनके वीडियोग्राफर श्री करण शर्मा, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 67-अहिवारा के लिए मुख्य नगर पालिक अधिकारी नगर पालिका परिषद अहिवारा सीमा बख्शी, इनके वीडियोग्राफर श्री आशीष यादव, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 68-साजा (आंशिक) के लिए सहायक अभियंता क्रेडा श्री दिनेश चंद्रा, इनके वीडियोग्राफर श्री चीनमय कुमार, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 69-बेमेतरा (आंशिक) के लिए सहायक अभियंता कामधेनु विश्वविद्यालय श्री उल्लास अरविन्द देशमुख, इनके वीडियोग्राफर श्री यशवंत साहू की ड्यूटी लगाई गई है।