जमीनों के गाईड लाईन दरों में 30 प्रतिशत की छूट खत्म करना जनता पर अत्याचार
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गरीबों को घर जमीन खरीदने से रोकना चाह रही साय सरकार

वित्त मंत्री झूठ बोल रहे छूट से किसानों के मुआवजे में कोई अंतर नहीं पड़ता

       रायपुर। जमीनों के भाव में गाईड लाईन दरों में दी जा रही 30 प्रतिशत की छूट को समाप्त करना साय सरकार का राज्य की जनता के साथ अन्याय है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि साय सरकार गरीबों को घर, जमीन खरीदने से रोकना चाह रही। जनता इस अन्याय का बदला लोकसभा चुनाव में लेगी। भाजपा की रमन सरकार के दौरान भाजपाई सत्ताधीशों के दबाव में जमीनों के गाईड लाईन की दरों में हर साल 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ाने की परंपरा बन गयी थी जिसके कारण अनेकों जगह बाजार भाव से दुगुनी गाईड लाईन की दरें हो गई थी। आम आदमी की इसी परेशानी को देखते हुये तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने गाईड लाईन की दरों में 30 प्रतिशत की छूट दिया था और पूरे पांच सालों तक कांग्रेस सरकार ने गाईड लाईन की दरों में एक रू. की बढ़ोतरी भी नहीं किया था जिसके कारण आम आदमी गरीब और मध्यम वर्ग को मकान, दुकान, खेत खरीदने में सहूलियत हुई तथा गाईड लाईन की दरें कम होने से आम आदमी को अन्य टैक्सों में भी राहत मिला। गाईड लाईन की दर 30 प्रतिशत कम होने से राज्य के राजस्व में भी बढ़ोतरी हुई थी। पावरनाम और एग्रीमेंट करवा कर प्रापर्टी खरीदने की परंपरा खत्म हुई तथा लोग रजिस्ट्री करवाने लगे जिससे सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी हुई। कृषि के बाद रियल स्टेट ही ऐसा क्षेत्र है जहां सबसे ज्यादा रोजगार मिलता है, इस छूट से राज्य के रियल स्टेट क्षेत्र में जबरदस्त उछाल आया था।

       सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि वित्त मंत्री गलत बयानी कर रहे कि इस छूट को खत्म करने से किसानों को फायदा होगा। किसानों को मुआवजा गाईड लाईन के रेट पर मिलता है। यह मुआवजा शहरी क्षेत्रों में दुगुना और ग्रामीण क्षेत्र में चार गुना मिलता है। राज्य में गाईड लाईन का रेट कम नहीं किया गया, उसमें खरीदी बिक्री में छूट दी गयी थी। गाईड लाईन के रेट में 30 प्रतिशत की छूट रजिस्ट्री के समय मुद्रांक पेपर की गणना में की जाती है। किसान के मुआवजा की गणना मूल गाईड लाईन की दरों के आधार पर ही होगी। अपने सरकार की टैक्सखोरी वाली नीति के बचाव में किसानों के कंधों पर बंदूक रखकर चलाना बंद करें।

       जब भी भाजपा की सरकार आती है वह गरीबों को, छोटे व्यापारियों को परेशान करने वाली नीति बनाती है। पहले भी भाजपा के सरकार के समय 5 डिसमिल से कम जमीनों की रजिस्ट्री पर रोक लगा दिया था ताकि गरीबों के प्लाट न बिके और भाजपाई भूमाफिया का एकाधिकार चले फिर वही दौर वापस लाने की कोशिश शुरू की जा रही है। गाईड लाईन की दरें छूट बंद होने का नुकसान आम आदमी के साथ जमीन के छोटे मझोले व्यापारियों को होगा।

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