25 दिसंबर सुशासन दिवस पर विशेष लेख : राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र-पुत्रियों की बस्तियों तक पीएम जनमन योजना से फैली विकास के उजाले की किरण
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रायपुर : विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को राष्ट्रपति जी के दत्तक पुत्र-पुत्रियां कहा जाता था लेकिन आजादी के कई साल बाद तक भी इनकी बस्तियों में शुद्ध पेयजल भी नहीं था। घास फूस के घरों में बिजली कहां से पहुंच पाती और शिक्षा तथा स्वास्थ्य सुविधाएं तो इनके लिए लक्जरी ही समझिये। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस परिस्थिति को पूरी संवेदनशीलता से समझा और उन्हें लगा कि इस परिस्थति को ठीक करने के लिए मामूली प्रयत्नों से कुछ नहीं होगा जब तक एक लक्ष्योन्मुखी वृहत योजना विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए नहीं बनेगी तब तक इनके कल्याण की सूरत नहीं बनेगी। फिर उन्होंने पीएम जनमन योजना लाई और इस एक योजना से उजाले की किरण इन बस्तियों में फैल गई है। पक्के घरों में बिजली पहुंच रही है। बच्चों के लिए स्कूल खोले गये हैं और इन तक पहुंचने के लिए सड़कें भी बनाई जा रही हैं।
इस योजना को शुरू हुए अभी एक साल का अरसा भी नहीं बीता है कि इस योजना के प्रभावी कार्यान्वयन से विशेष पिछड़ी जनजातियों के रहवासी इलाकों में विकास का उजियारा साफ-साफ दिखाई देने लगा है। इस उजियारे से जनजातीय समुदाय के लोगों में शासन के प्रति एक नया विश्वास जगा है और उनके चेहरे पर एक चमक दिखाई देने लगी है।
पीएम जनमन योजना का उद्देश्य विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों के बीच विकास, समावेशिता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार जनजातीय समुदाय के लोगों की स्थिति को बेहतर बनाने और उनके रहवासी इलाकों में बुनियादी सुविधाएं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पूरी शिद्दत से जुटी हुई है।







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