रायपुर। राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था तथा बलौदाबाजार की हिंसक घटनाये कलेक्टर पुलिस अधीक्षक कार्यालय को जलाये जाने के विरोध में तथा पवित्र जैतखंभ के तोड़फोड़ की हाईकोर्ट के जज से न्यायिक जांच की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आवाह्न पर प्रदेश के समस्त जिलों में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। राजधानी रायपुर में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, बस्तर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज तथा नेताप्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत कोरिया जिले धरने में शामिल हुये।
रायपुर में धरने को संबोधित करते हुये पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जब से राज्य में भाजपा की सरकार बनी है प्रदेश की कानून व्यवस्था खराब हो गयी। भाजपा सरकार के राज्य में अपराधी बेलगाम हो गये है। नागरिकां और समाज का हौसला बनाये रखना और कोई घटना हो उससे पहले सख्ती से कार्यवाही करना सरकार की जिम्मेदारी है। लेकिन भाजपा सरकार सभी पैमानों और बिंदु में असफल हुयी है। इसलिये भाजपा को सरकार में बने रहने का अधिकार नही है। यह साय सरकार छत्तीसगढ़ को संभाल नही पा रही है। बलौदाबाजार प्रकरण में बेकसूर लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है। लेकिन आयोजनकर्ता, टेंट लगाने वाले, भोजन व्यवस्था वालों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है? वो पुलिस के नाक के नीचे बैठे है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार के प्रतिनिधि मंडल को बुलाकर बात करते तो कोई रास्ता निकल जाता और जो जानकारी है उसको साझा करते। भाजपा में मंत्रियों के बीच गुटबाजी चल रहा है। एक दूसरे के बीच शीत युद्ध चल रहा है। यह सरकार की नाकामी है जो बलौदा बाजार में इतनी बड़ी संख्या में लोग पहुंचने वाले हैं यह जानकारी भी नहीं एकत्रित कर पाई। यह आईबी, एलआईबी तथा गोपनीय सूचना तंत्र की नाकामी है जो समय पर भीड़ को काबू नहीं कर पाई। सतनामी समाज के प्रदर्शन में कहीं ना कहीं भाजपा के द्वारा असामाजिक तत्वों को घुसाया गया और इन्हीं असामाजिक तत्वों के द्वारा आगजनी की घटना को अंजाम दिया गया। इस पूरे आंदोलन में भाजपा के जिलाध्यक्ष सनम जांगड़े सहित अन्य भाजपा नेताओं की भूमिका की जाँच हो। धरना प्रदर्शन को कलेक्टर से परमीशन दिलाने वाला कौन था? रैली में आने वाले हजारों लोगों के लिये भोजन, मंच, पंडाल, माइक के लिए रुपयों की व्यवस्था किसने किया? इतनी बड़ी घटना के बाद भड़काऊ भाषण देने वाले भीम आर्मी के लोगो की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? नागपुर से 250 से अधिक लोग आये थे वो कौन थे? सरकार ने उन पर नजर क्यों नहीं रखा था? भीड़ में लोग लाठी, डंडा लेकर आये थे प्रशासन क्या कर रहा था? उनको रोका क्यों नहीं गया? रैली की शुरुआत से ही उपद्रव शुरू हो गया था उसके बावजूद लोगों को कलेक्ट्रेट क्यों जाने दिया गया? भीड़ को रोकने की कोशिश क्यों नहीं हुई? आम जनता के वाहन जलाये जा रहे थे लोगों को दौड़ा कर पीटा जा रहा था तब पुलिस कहां थी? एसपी किसके इशारे पर शांत बैठे हुये थे? घटना को रोकने के बजाय पलायन क्यों कर गये?
कोरिया में धरने को संबोधित करते हुये नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि बलौदाबाजार की घटना भाजपा राज में प्रदेश के माथे पर कलंक का टिका है। बलौदाबाजार हिंसा की घटना भाजपा विष्णुदेव साय सरकार की लापरवाही, नाकामी, लचर कानून व्यवस्था के कारण हुई है। सरकार को समाज के मांग अनुसार घटना की जांच कराया जाना चाहिए था, भाजपा सरकार अगर समय पर आवश्यक कदम उठाये होते तो ये घटना नहीं होती। जांच के नाम पर दोषी भाजपाइयों को बचाया जा रहा है, बलौदा बाजार की जनता भयभीत है, बेगुनाहो के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह प्रदर्शन प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर प्रदेश के प्रत्येक जिलों में किये जा रहे है और प्रत्येक जिलों में आज दिनभर हम सब लोग जैतखाम के टूटने के बाद जो शासन ने अपने नीति अपनाकर किस ढंग से इस मुकाम पर पहुंचा दिया। सबको चिंता होने लगी। मई के महीने में गुरूबाबा घासीदास जी का प्रतीक जैतखाम को किसी भी बदमाश ने तोड़ा और समाज की मांग थी कि उसकी जांच हो जाये। जांच हुयी और उस जांच में 2 दैनिक मजदूर वहां नल बनाया करते थे, नल जल मिशन का और वह बिहार के रहने वाले है उनको पुलिस ने गिरफ्तार किया। पहली घटना को इतने हल्के में ही ऐसे छोड़कर, एक ऐसे समाज जो गुरूबाबा घासीदास जी पर पूरा विश्वास करता है जो हम सब के लिये एकता भाईचारा सौभाग्य प्रेम का प्रतिक है जिस जैतखाम को देखकर हम लोगो को बाबा जी की याद आती है, अपने पन की याद आती है, उनके त्याग की याद आती है।
प्रदेश के सभी जिलों में बालोद फूलोदेवी नेताम, बलौदाबाजार विकास उपाध्याय, कोरबा शहर एवं ग्रामीण हरीश परसाई एवं राजकिशोर प्रसाद, दुर्ग शहर-ग्रामीण एवं भिलाई रविन्द्र चौबे, जांजगीर-चांपा डॉ. शिवकुमार डहरिया, सूरजपूर अमरजीत भगत, जशपुर उमेश पटेल, बीजापुर कवासी लखमा, जगदलपुर एवं बस्तर ग्रामीण मोहन मरकाम, बिलासपुर शहर एवं ग्रामीण जयसिंह अग्रवाल, कांकेर अनिला भेड़िया, रायगढ़ शहर एवं ग्रामीण डॉ. प्रेमसाय सिंह, गरियाबंद छाया वर्मा, धमतरी गुरूमुख सिंह होरा, महासमुंद राजेन्द्र तिवारी, कोण्डागांव बीरेश ठाकुर, दंतेवाड़ा राजमन बेंजाम, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई दलेश्वर साहू, सुकमा संतराम नेताम, कवर्धा भेलाराम साहू, सक्ति डॉ. रश्मि सिंह, बेमेतरा अरूण वोरा, राजनांदगांव प्रतिमा चंद्राकर, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी भुनेश्वर सिंह बघेल, नारायणपुर रेखचंद जैन, गौरेला पेण्ड्रा मरवाही शैलष पाण्डेय, मुंगेली आशीष छाबड़ा, बिलाईगढ़-सारंगढ़ विनोद चंद्रकार, बलरामपुर पारसनाथ राजवाड़े, मनेन्द्रगढ-चिरमिरी-भरतपुर गुलाब कमरो।